मुंबई (क़ौमी आग़ाज़ ब्यूरो)
महाराष्ट्र की राजनीति में जो कोहराम उठा था वह सत्ता परिवर्तन के बाद भी थमा नहीं है बल्कि शीतयुध्द में बदल गया है। और वाकयुद्ध के साथ साथ मामला कोर्ट में भी पहुंचा हुआ है। शिंदे गुट लगातार शिवसेना पर कब्जा जमाने की कोशिश कर रहा है, तो उद्धव ठाकरे अपना बचाव करते हुए बयानों के तीर छोड़ रहे हैं। अभी फिलहाल महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के मुखपत्र सामना को साक्षात्कार दिया है, जिसमें उन्होंने एकनाथ शिंदे की बग़ावत व सियासी घटनाक्रम पर खुल कर बात की है।
उद्धव ठाकरे ने कहा, शिवसेना और संघर्ष का, एक-दूसरे के साथ गहरा नाता है। शिवसेना, एक लहराती तलवार है। इसे यदि म्यान में रखा जाए, तो इसमें जंग लग जाती है। इसलिए यह लहरानी ही चाहिए। उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा, जिन्होंने विश्वासघात किया है, पार्टी तोड़ी है, वे खुद के पिता का फोटो लगाकर वोट मांगें। शिवसेना के बाप का फोटो लगाकर भीख न मांगें। उन्होंने बागी नेताओं की तुलना पेड़ के सड़े हुए पत्तों से की। कहा, चुनाव होने दीजिए ये पत्ते जमीन पर आ जाएंगे और पता चल जाएगा कि लोग उनका समर्थन करते हैं या नहीं। आगे कहा, इन सड़े हुए पत्तों को बहा दिया जाना चाहिए। यह पेड़ के लिए अच्छा है क्योंकि इसमें नए पत्ते होंगे।
उद्धव ठाकरे ने कहा, मेरी गलती थी कि पार्टी के कुछ नेताओं पर बहुत अधिक भरोसा किया। इतने लंबे समय तक उन पर भरोसा करना मेरी गलती थी। उन्होंने कहा, सरकार चली गई, मुख्यमंत्री पद गया, इसका अफसोस नहीं है। मेरे ही लोग दगाबाज निकले, यह ज्यादा चोट पहुंचाने वाला है। मेरे ऑपरेशन के बाद अस्वस्थता के दौरान सरकार गिराने का प्रयास हो रहा था। मेरा ऑपरेशन हुआ था। मैं अपनी तबीयत से जूझ रहा था। मैं अपनी गर्दन से नीचे के हिस्सों को भी हिला नहीं सकता था। कुछ लोग मेरे जल्दी स्वस्थ होने की कामना कर रहे थे, तो कुछ लोग ऐसे भी थे जो प्रार्थना कर रहे थे कि मैं जिंदगी भर ऐसा ही रहूं। यही लोग आज पार्टी बर्बाद करने निकले हैं। उन्होंने कहा, आपको दो नंबर की पोस्ट दी, आप पर अंधा विश्वास किया ऐसे में विश्वासघात किया गया।