नई दिल्ली (एजेंसी)
चीन ने एक बार फिर ताइवान को खुली धमकी देते हुए कहा है कि या तो शांति से मिल जाओ वरना अगर उसे जरूरत पड़ी तो ताइवान को बलपूर्वक अपने कब्जे में करेगा। चीन ने ताइवान को लेकर अपना श्वेत पत्र जारी किया है जिसमें ये बात कही गई। चीन ने 1993 के बाद से ताइवान को लेकर अपना कुल तीसरा श्वेत पत्र जारी किया है। यही नहीं, 2012 में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सत्ता में आने के बाद यह पहला श्वेत पत्र है। चीन ने इसमें कहा कि वह स्व-शासित द्वीप को अपने नियंत्रण में लाने के लिए सैन्य बल के इस्तेमाल से “पीछे” नहीं हटेगा। पिछली बार चीन ने ताइवान पर साल 2000 में श्वेत-पत्र जारी किया था। क्षेत्र में बढ़ते तनाव के बीच जारी हुए ताइवान पर चीनी सरकार के ताजा नीति पत्र ने बीजिंग के कड़े रवय्ये को दोहराया। हालांकि इसमें शांति के बारे में भी बात कही गई है। श्वेत-पत्र में कहा गया है, “हम शांतिपूर्ण पुन:मिलाप के लिए बड़ी जगह बनाने को तैयार है लेकिन हम किसी भी तरह से अलगाववादी गतिविधियों के लिए कोई जगह नहीं छोड़ेंगे।” एक सरकारी मीडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि दस्तावेजों के पिछले संस्करण “ताइवान मसला और चीन का एकीकरण” (1993) और “एक-चीन सिद्धांत और ताइवान मसला” (2000) थे। “द ताइवान क्वेश्चन एंड चाइनाज रीयूनिफिकेशन इन द न्यू एरा” नामक श्वेत पत्र में कहा गया है कि चीन “शांतिपूर्ण पुन:मिलाप” की मांग करेगा, लेकिन “बल के प्रयोग से भी पीछे नहीं हटेगा।” इसमें कहा गया है कि चीन अगर जरूरी हुआ तो बल के प्रयोग से पीछे नहीं हटेगा और हम सभी आवश्यक कदम उठाएंगे। इसे स्टेट काउंसिल (चीन की कैबिनेट) के ताइवान मामलों के कार्यालय और उसके सूचना विभाग द्वारा जारी किया गया। इसके साथ ही कहा गया है कि कहा गया कि “हम सख्त कदम उठाने के लिए तभी मजबूर होंगे जब अलगाववादी तत्व या बाहरी ताकतें कभी हमारी लक्ष्मण रेखा को लांघेंघे।”चीन ने हाल ही में ताइवान के आसपास अपना अप्रत्याशित सैन्य अभ्यास किया था। चीन का सैन्य अभ्यास तय समय से ज्यादा दिनों तक जारी रहने की खबर है। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा से अप्रसन्न चीन ने यह अभ्यास शुरू किया था जो सात अगस्त को समाप्त होना था। चीन का दावा है कि यह द्वीप को उसका हिस्सा है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के पूर्वी थिएटर कमांड ने एक बयान में कहा कि अमेरिकी हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा के जवाब में पिछले हफ्ते सैन्य अभ्यास की घोषणा की गई थी। उन्होंने कहा कि यह अभ्यास शुरुआती चार दिवसीय कार्यक्रम से कुछ दिन और आगे बढ़ाया गया है। पूर्वी कमान ने कहा कि ताइवान के आसपास समुद्र और हवाई क्षेत्र में संयुक्त सैन्य अभियानों की एक सीरीज के दौरान “विभिन्न कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया गया।” बयान में आगे कहा गया, “पूर्वी कमान की सेनाएं ताइवान जलडमरूमध्य में स्थिति में बदलाव पर नजर रखेंगीं, प्रशिक्षण और युद्ध की तैयारी जारी रखेंगीं, ताइवान जलडमरूमध्य की दिशा में नियमित गश्त का आयोजन किया जाएगा, और राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की दृढ़ता से रक्षा करेंगी।” क्षेत्र में “नियमित गश्त” करने के चीन के फैसले का मतलब है कि वह ताइवान के खिलाफ अपने आक्रामक रुख से पीछे हटने के मूड में नहीं है। लगभग एक हफ्ते तक, अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी की हाल की ताइवान यात्रा से नाराज चीन ने सैन्य जहाजों और विमानों को मध्य रेखा के पार भेजा है जो ताइवान जलडमरूमध्य में दोनों पक्षों को अलग करती है। बीजिंग ने द्वीप के आसपास पानी में प्रक्षेपास्त्र भी दागे हैं। चीनी सरकारी मीडिया ने कहा कि अभूतपूर्व सैन्य अभ्यास ताइवान को चीन में मिलाने का अंतिम अभ्यास था।
चीन ने ताइवान को दी धमकी कि शांति से मिल जाओ वर्ना बलपूर्वक कब्ज़ा करेंगे
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