ईपीएस-95 पेंशन भोगियों का छलका दुख दर्द, पीएम मोदी निभाएं अपना आश्वासन, देश में 65 लाख ईपीएस-95 पेंशन धारकों की दयनीय स्थिति को लेकर आंदोलन,भूख हड़ताल और क्रमिक अनशन जारी।

National News Social News

प्रेस क्लब में उत्तराखंड, पंजाब, दिल्ली और महाराष्ट्र से एनएसी के सदस्य हुए शामिल और
बयान की पेंशनधारकों की दुखदाई दास्तां !
नई दिल्ली (अनवार अहमद नूर)
जो वरिष्ठ नागरिक भी हैं और पेंशनधारी भी लेकिन उन्हीं के जमा रूपयों पर उनको औसतन मात्र 1171 रूपए पेंशन दी जा रही है । जो पुलिस सेना के कुत्तों से भी कम है। पीएम मोदी से दो बार भेंट करके और उनका आश्वासन मिलने के बाद भी कुछ नहीं हुआ। ऐसे अनेक आरोप लगाकर मोदी से अपना आश्वासन निभाने की मांग के साथ ये पेंशन धारक अब अपनी मृत्यु तक या मांग पूरी होने तक अनशन करने पर उतर आए हैं। जिसकी घोषणा इन्होंने आज प्रेस क्लब आफ इंडिया में कर दी।
राष्ट्रीय आंदोलन समिति (एनएसी) के सदस्यों ने ईपीएस-95 पेंशनभोगियों द्वारा लंबे समय से उठाई गई मांगों में देरी का हवाला देते हुए प्रेस वार्ता की। जिसमें कमांडर अशोक रावत के अलावा वीरेंद्र सिंह, रमेश बहुगुणा, मैडम सरिता, मुकेश मेहान, सहित उत्तराखंड, पंजाब, दिल्ली और महाराष्ट्र आदि यानि देश भर से एनएसी के सदस्य शामिल हुए। कहा गया कि
प्रधानमंत्री और श्रममंत्री के वादों के बावजूद अब तक कुछ नहीं हुआ है।
राष्ट्रीय आंदोलन समिति के संयोजक कमांडर अशोक राउत ने बताया कि ईपीएफओ पेंशनभोगियों के खिलाफ चाल चलकर सीबीटी सदस्यों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले लेकिन हजारों वृद्ध पेंशनरों का भाग्य अधर में लटका हुआ है। आज बुलढाणा महाराष्ट्र स्थित एनएसी मुख्यालय में 24 दिसंबर 2018 से महिलाओं सहित सैकड़ों वृद्धावस्था पेंशनभोगी भूख हड़ताल पर हैं। आज इस चेन भूख हड़ताल का 1317 वां दिन है। आज एनएसी के नेता श्री एम.एल.काले और श्रीमती शोभा ताई आरस भूख हड़ताल कर रहे हैं। यह खेदजनक और निराशाजनक है कि हमारे प्रिय और माननीय प्रधानमंत्री द्वारा पूर्व में दो बार किए गए वादे अभी तक श्रम मंत्रालय द्वारा पूरे नहीं किए गए हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “भारत सरकार अन्य पेंशन योजनाओं को सुचारू रूप से चला रही है लेकिन ईपीएस 95 पेंशनभोगियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। इन सभी कारणों से पेंशनरों में गुस्सा चरम पर है। राष्ट्रीय संघर्ष समिति (एनएसी) संघर्ष कर रही है। पिछले 5 वर्षों से ईपीएस 95 पेंशनभोगियों को न्याय दिलाने के लिए एनएसी की चार सूत्रीय मांगों को अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है, इसीलिए 15.11.2021 को जमशेदपुर की बैठक में मांगों को स्वीकृत कराने के लिए कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. हमारे सदस्य दिन-ब-दिन दुनिया से जा रहे हैं, इसलिए आज की सीबीटी बैठक में, हमारी मांगों के संदर्भ में, सीबीटी के प्रस्ताव को स्वीकार करें और हमारे धैर्य की परीक्षा न लें। उच्च पेंशन के मामले में उच्चतम न्यायालय के दिनांक 04.10.2016 के निर्णय के आधार पर ईपीएफओ के दिनांक 23.03.2017 के पत्र के बाद भी उनका हक नहीं दे रहे हैं और पेंशनभोगियों को फिर से अदालतों में जाने के लिए कहा जा रहा है। मजबूर किया गया है। ईपीएफओ अपने कर्मचारियों को 2000 रुपये मासिक चिकित्सा भत्ता प्रदान कर रहा है लेकिन पेंशनभोगियों को चिकित्सा सुविधा से वंचित किया जा रहा है।
पेंशन भोगियों की मांग है कि न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर 7500/- रुपये और डीए किया जाए। ईपीएफओ के पत्र अधिसूचना के अनुसार सभी ईपीएस 95 पेंशनरों को उच्च पेंशन का विकल्प, सभी ईपीएस 95 पेंशनभोगियों और उनके पति / पत्नी को मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं और ईपीएस 95 सेवानिवृत्त कर्मचारी जो ईपीएस 95 योजना के सदस्य नहीं हैं, उन्हें वसूली करके कार्योत्तर सदस्यता की अनुमति दी जानी चाहिए। ब्याज सहित योगदान और उन्हें उनके देय बकाया की अनुमति देना अन्यथा उन्हें पेंशन के रूप में निश्चित रु.5000/- प्रतिमाह प्रदान किया जाए।
अशोक राउत ने बताया कि एक अगस्त से 7 अगस्त 2022 तक पूरे देश में तालुका, जिला, राज्य स्तर पर विभिन्न प्रकार के आंदोलन होंगे। 01 अगस्त से 07 अगस्त 2022 तक नई दिल्ली में सीपीएफसी कार्यालय के सामने श्रृंखलाबद्ध तरीके से भूख हड़ताल की जाएगी। उन्होंने सीपीएफसी कार्यालय के सामने 07 अगस्त 2022 से ‘उपवास’ रखने का संकल्प लिया है। 08 अगस्त को देशभर के लाखों पेंशनभोगियों द्वारा रामलीला मैदान नई दिल्ली में प्रदर्शन का आयोजन करेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *