नई दिल्ली (एजेंसी)
इस्लामिक देशों के संगठन ओआइसी ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के तीन साल पूरे होने पर कश्मीरियों के मानवाधिकार की बात की है और भारत से सभी फ़ैसले वापस लेने की मांग की है।
इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) ने अपने बयान में कहा है कि तीन साल पहले भारत सरकार ने ग़ैर क़ानूनी रूप से एकतरफ़ा फ़ैसला किया था। साथ ही इसके बाद कई ग़ैर क़ानूनी फ़ैसले लेकर भू-राजनीतिक बदलाव किए गए। ओआईसी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के तहत जम्मू-कश्मीर विवाद के हल के लिए उचित क़दम उठाए।
वर्ष 2019 में नरेंद्र मोदी की सरकार ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद-370 के तहत जम्मू-कश्मीर को प्राप्त ‘विशेष राज्य का दर्जा’ समाप्त कर दिया था।
सरकार ने जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बाँटने का फ़ैसला किया और इस फ़ैसले के तहत दो केंद्र शासित प्रदेश बनाए गए। एक जम्मू-कश्मीर और दूसरा लद्दाख। इतना ही नहीं पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने भी ट्वीट पर मोदी सरकार पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। इमरान ख़ान ने ट्वीट कर लिखा है कि मोदी सरकार ने भारत के क़ब्ज़े वाले कश्मीर की डेमोग्राफ़ी बदल कर चौथे जिनेवा समझौते के तहत युद्ध अपराध भी किया है। उन्होंने कहा कि लेकिन इससे कश्मीरियों का प्रतिरोध और मज़बूत हुआ है और आगे भी मज़बूत होगा। इमरान ख़ान ने कहा है कि भारत की ओर से अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों और संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों के उल्लंघन के बावजूद अंतरराष्ट्रीय समुदाय चुप्पी साधे रहता है।