आइजोल, एजेंसी। मिजोरम के स्थानीय अदालत ने भाजपा विधायक को एक साल की सजा और 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। समाचार एजेंसी के मुताबिक, मिजोरम की एक स्थानीय अदालत ने सोमवार को राज्य के एकमात्र भाजपा विधायक बुद्ध धन चकमा और 12 अन्य लोगों के 10 साल पुराने भ्रष्टाचार के मामले में सजा सुनाई है। हालांकि, भाजपा विधायक ने अदालत के फैसले के बाद कहा कि वे विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) की अदालत के फैसले के खिलाफ गुवाहाटी उच्च न्यायालय का रुख करेंगे।
बता दें कि 49 वर्षीय भाजपा विधायक के अलावा अन्य 12 चकमा नेताओं में चकमा स्वायत्त जिला परिषद (सीएडीसी) के मुख्य कार्यकारी सदस्य (सीईएम) बुद्ध लीला चकमा, दो कार्यकारी सदस्य और स्वायत्त निकाय के तीन पूर्व सीईएम शामिल हैं। अदालत ने विधायक और 12 अन्य चकमा नेताओं को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दोषी ठहराया था। अदालत ने कहा कि दोषियों ने विकास कार्यों के लिए सरकार द्वारा आवंटित 137.10 लाख रुपये का दुरुपयोग किया।
आरोपी ने राज्यपाल और राज्य सरकार की अनुमति के बिना पैसे को ‘अग्रिम वेतन’ के रूप में लिया था। 13 नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले तत्कालीन राज्य भाजपा महासचिव और मौजूदा राज्य पार्टी अध्यक्ष वनलालहमुका द्वारा शुरू किए गए थे। 2013 में तत्कालीन राज्यपाल को लिखित शिकायत के बाद एक सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया था। आयोग की रिपोर्ट के आधार पर, मिजोरम जिला परिषद और अल्पसंख्यक मामलों के विभाग ने राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के साथ एक प्राथमिकी दर्ज की थी।
जब वनलालमुआका ने शिकायत की, तब चकमा कांग्रेस बी.डी. में सीईएम के रूप में कार्यरत थे। बता दें कि चकमा बाद में कांग्रेस के टिकट पर राज्य विधानसभा के लिए चुने गए। बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए और 2018 के विधानसभा चुनावों में भाजपा पार्टी के उम्मीदवार के रूप में राज्य विधानसभा के लिए चुने गए।