बलात्कार के दोषियों को सम्मानित करना क्या यह अमृत महोत्सव है : कांग्रेस का पीएम मोदी से सवाल

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नई दिल्ली (क़ौमी आगाज़ ब्यूरो)
गुजरात में बिलकिस बानो से गैंगरेप करने वाले दोषियों की रिहाई पर विपक्ष भाजपा पर हमलावर हो गई है। दरअसल, केंद्र की न के बावजूद 15 अगस्त के दिन गुजरात सरकार ने इन 11 दोषियों की रिहाई के आदेश दिए। विपक्ष ने इस मामले में भाजपा पर तीखा हमला बोला है। असद्दुीन ओवैसी के बाद कांग्रेस पार्टी ने तंज कसते हुए कहा कि स्वतंत्रता दिवस के भाषण में पीएम मोदी “नारी शक्ति” के बारे में बोल रहे थे, उधर, गुजरात सरकार ने गैंगरेप के 11 दोषियों को रिहा कर दिया। यह भाजपा के लिए नए भारत का असली चेहरा है। क्या यह अमृत महोत्सव है? दरअसल, 2002 में गुजरात दंगों के दौरान 5 माह की गर्भवती बिलकिस बानो के साथ 11 लोगों ने गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया था। इसके अलावा भीड़ ने बानो के परिवार के सात लोगों की हत्या कर दी थी। इस मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे दोषियों को गुजरात सरकार ने अपनी छूट नीति के तहत मुक्त करने का आदेश दिया है। इन दोषियों पर बानो की तीन साल की बेटी की हत्या करने का भी आरोप है, जब ये जेल से बाहर आ रहे थे तो इनका मिठाई और माला पहनाकर स्वागत किया गया। अब इस मामले में विपक्ष भाजपा पर हमलावर हो गया है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री को देश को बताना चाहिए कि क्या उन्हें महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और सशक्तिकरण की बात पर खुद अपनी बातों पर विश्वास है? गुजरात में भाजपा सरकार ने बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में 11 दोषियों को रिहा कर दिया। यह निर्णय भाजपा सरकार की मानसिकता को सामने लाता है।” उन्होंने कठुआ और उन्नाव बलात्कार मामलों का भी जिक्र किया और कहा कि यह राजनीति में सभी को शर्मिंदा करता है जब एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल के पदाधिकारी और समर्थक सड़कों पर बलात्कारियों के पक्ष में रैली निकालते हुए देखे जाते हैं। खेड़ा ने कहा, “कल लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री ने महिला सुरक्षा, महिला शक्ति, महिला सम्मान के बारे में बड़ी बातें कीं। कुछ घंटों बाद, गुजरात सरकार ने बलात्कारियों को रिहा कर दिया। हमने यह भी देखा कि बलात्कार के दोषियों को सम्मानित किया जा रहा है। क्या यह अमृत महोत्सव है?” खेड़ा ने आगे कहा, “कांग्रेस ने पीएम से देश को यह बताने के लिए कहा कि उन्होंने लाल किले की प्राचीर से जो कहा वह केवल शब्द थे, क्योंकि उन्हें खुद उनकी बातों पर विश्वास नहीं। असली नरेंद्र मोदी कौन है? जो लाल किले की प्राचीर से झूठ बोलते हैं या जिसने अपनी गुजरात सरकार को बलात्कारियों को रिहा करने के लिए कहा?

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