Tuesday, September 26, 2023
الرئيسيةUncategorizedशिवसेना का असली बॉस कौन है? शिंदे और उद्धव के पास समर्थन...

शिवसेना का असली बॉस कौन है? शिंदे और उद्धव के पास समर्थन साबित करने के लिए आठ अगस्त तक का समय

चुनाव आयोग ने ठाकरे व शिंदे गुट दोनों से कहा है कि वे दस्तावेजों के साथ यह सबूत दें कि उनके पास शिवसेना के सदस्यों का बहुमत है। दोनों गुटों से आयोग ने आठ अगस्त तक जवाब मांगा है। 

नई दिल्ली (ब्यूरो चीफ़)

महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के बाद अब शिवसेना पर दावेदारी को लेकर एकनाथ शिंदे व उद्धव ठाकरे गुट कानूनी दांव पेंच आजमा रहे हैं। शिवसेना पर दावेदारी का मामला चुनाव आयोग पहुंच चुका है। आयोग ने दोनों गुटों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। चुनाव आयोग ने ठाकरे व शिंदे गुट दोनों से कहा है कि वे दस्तावेजों के साथ यह सबूत दें कि उनके पास शिवसेना के सदस्यों का बहुमत है। आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट को महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के गुट द्वारा उसे लिखे गए पत्र और शिंदे गुट को ठाकरे गुट द्वारा लिखा गया पत्र भी भेजा है। दोनों गुटों से आयोग ने आठ अगस्त को दोपहर 1 बजे तक तक जवाब मांगा है। शिवसेना पर दावेदारी कर रहे दोनों गुटों से आयोग ने उनके समर्थक विधायकों व सांसदों के अलावा संगठनात्मक इकाइयों में समर्थकों के हस्ताक्षरित पत्र भी मांगे हैं।  बता दें, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना में बगावत के बाद महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी  सरकार के सीएम उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद 30 जून को शिंदे ने महाराष्ट्र के सीएम पद की और भाजपा नेता व पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उसके बाद से शिंदे गुट दावा कर रहा है कि उसके पास शिवसेना विधायकों का बहुमत है। 
महाराष्ट्र विधानसभा का स्पीकर व मुख्य सचेतक भी शिंदे गुट का चुना गया है। हाल ही में लोकसभा में शिवसेना के नेता को भी शिंदे गुट ने चुना है। शिवसेना के 19 लोकसभा सांसदों में से 12 ने बागी गुट को अपना समर्थन दिया है। इस बीच, शिंदे गुट अब शिवसेना की प्रतिनिधि परिषद पर कब्जे के लिए आगे बढ़ रहा है। परिषद में 282 सदस्य हैं और यह पार्टी का सबसे बड़ा अधिकृत मंच है। इसमें पार्टी के अध्यक्ष से लेकर विभिन्न इकाइयों के पदाधिकारी शामिल हैं। 
उधर, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने दावा किया है कि जब तक सुप्रीम कोर्ट एमवीए सरकार गिरने से पहले बागी विधायकों के खिलाफ जारी किए गए अयोग्यता नोटिस पर फैसला नहीं करता है, तब तक नियुक्तियां अवैध हैं। 
शिंदे गुट अपने धड़े को असली शिवसेना बताते हुए चुनाव आयोग के समक्ष दावेदारी जता रहा है। अब देखना होगा कि दस्तावेजी सबूतों के साथ कौन कितना भारी पड़ेगा? और शिवसेना ठाकरे परिवार के हाथ में रहेगी या बाला साहब ठाकरे की यह पार्टी उनके परिवार के हाथ से निकल जाएगी?

RELATED ARTICLES

ترك الرد

من فضلك ادخل تعليقك
من فضلك ادخل اسمك هنا

Most Popular

Recent Comments